कैथल। जन शिक्षा अधिकार मंच द्वारा लघु सचिवालय पर चल रहे पड़ाव के 145वें दिन, आज शिक्षक तालमेल कमेटी और जन शिक्षा अधिकार मंच ने जवाहर पार्क कैथल में एक सभा का आयोजन किया। इस सभा की अध्यक्षता जिला संयोजक सतबीर गोयत ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन सीटू के कोषाध्यक्ष जयप्रकाश शास्त्री ने किया। सभा के बाद, शहर में प्रदर्शन करते हुए जन शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ कैथल की जनता में पर्चे वितरित किए गए। इसके बाद पेहवा चौक पर जाकर, महिला कोच से छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को बचाने और जन शिक्षा को नष्ट करने के खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला दहन किया गया।
जवाहर पार्क में हुई सभा में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के महासचिव प्रभु सिंह, उप महासचिव कृष्ण कुमार, हसला के जिला प्रधान जितेंद्र, शारीरिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान रमेश चहल, हजरस के जिला प्रधान राजवीर पाई, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान शिवचरण, जन संघर्ष मंच और मनरेगा मजदूर यूनियन के कामरेड सोमनाथ, एसएफआई की पूर्णिमा, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन के जिला प्रधान सत्यवान, मूलनिवासी संघ के कमल कांत वर्मा, और किसान सभा के जिला प्रधान का. महेंद्र सिंह ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग सरकारी स्कूलों को बंद करके, उन्हें बड़े कारपोरेट घरानों के हवाले करना चाहते हैं। यही नहीं, शिक्षा के क्षेत्र में लागू की जा रही नई शिक्षा नीति इसी दिशा में एक और कदम है।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में बिना बहस के संसद से लागू की गई नई शिक्षा नीति में सरकारी स्कूलों की स्थिति को खत्म करने के प्रयास हो रहे हैं। इसके तहत 50,000 से अधिक अध्यापक पदों को रिक्त छोड़ दिया गया है और बच्चों को सरकारी स्कूलों से बाहर करने के लिए चिराग योजना लागू की जा रही है। इसका उद्देश्य स्कूलों को बंद करना और कम छात्र संख्या के नाम पर उन्हें मर्ज करना है।
इसके अलावा, सरकार द्वारा लड़कियों के लिए आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, और कई स्कूलों में मुख्य विषय के अध्यापक तक नहीं हैं। स्कूलों की स्थिति इस हद तक खराब हो चुकी है कि कुछ स्कूलों में तो साधारण शिक्षक भी नहीं हैं।
सभा में उपस्थित नेताओं ने यह भी कहा कि सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को सरकारी स्कूलों से अधिक सुविधाएं और सहायता देना शुरू कर दी है, जबकि सरकारी स्कूलों को 500 रुपए की मासिक फीस लगाने की योजना बनाई जा रही है। प्राइवेट स्कूलों के लिए दी जाने वाली राशि से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जा सकता है, लेकिन सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है।
जब शिक्षक तालमेल कमेटी द्वारा विरोध किया गया, तो शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया और जन शिक्षा अधिकार मंच के जिला संयोजक सतबीर गोयत को अन्य मामलों में निलंबित कर दिया गया। इसके बाद, किसान, मजदूर, छात्र, युवा, महिला और एससी/बीसीसंगठनों ने भी इस लड़ाई में साथ आकर इसे एक व्यापक आंदोलन का रूप दे दिया।
महिला सम्मान की लड़ाई लड़ रही सोनिया दूहन ने भी सभा को संबोधित किया और संदीप सिंह को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने 19 फरवरी को होने वाली महिला सम्मान जन पंचायत में भाग लेने का आह्वान किया।
इस मौके पर ईश्वर ढांडा, विजेंद्र मोर, बूटा सिंह, दल सिंह, राकेश धनखड़, दीनानाथ, सुरेश द्रविड़, नरेंद्र कुमार, संदीप गिल, ईश्वर बाबा लदाना, रामपाल शर्मा, पंजाबी अध्यापक गोपाल, मंगतराम, सर्व कर्मचारी संघ के ओमपाल भाल, और कई अन्य नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।